करवाचौथ का व्रत 11 अक्तूबर को है। पति की लंबी उम्र के लिए देश के कई भागों में सुहागन
स्त्रियां इस दिन व्रत रखती हैं। इस व्रत का नियम है कि व्रत रखने वाली महिलाएं पूरे दिन
निर्जल व्रत रखती हैं।
इस व्रत की मान्यता है कि आसमान में चन्द्रमा को देखने के बाद ही यह व्रत पूरा होता है।
इसलिए जब शाम ढ़लने लगती है तो सभी व्रतियों की आंखें आसमान की ओर लग जाती है।
सुहागन स्त्री चन्द्रमा से विनती करती हैं कि जल्दी से दर्शन देकर व्रत पूरा करो। पति भी अपनी भूखी-प्यासी पत्नी के व्रत को पूरा करने के लिए चन्द्रमा से जल्दी दर्शन देने की गुहार लगता है।
लेकिन चन्द्रमा व्रतियों के धैर्य और आपसी प्रेम की परीक्षा लेने लगता है इसलिए कई बार व्रत काफी लंबा हो जाता है और व्रतियों को देर तक भूखे प्यासे आसमान की ओर टकटकी लगाए बैठे रहना पड़ता है।
क्या इस बार भी चन्द्रमा कुछ ऐसा ही करने वाला या जल्दी ही दर्शन देकर व्रतियों पर मेहरबान होने वाला है। जानिए कब निकलेगा करवाचौथ का चांद और कब होगा व्रतियों का व्रत पूरा।
कहां कितने बजे दिखेगा चांद ?
ज्योतिषशास्त्री चन्द्रप्रभा बताती हैं कि जो सुहागन स्त्रियां करवाचौथ का व्रत रख रही हैं उन्हें
प्रातः स्नान कर लेना चाहिए और पति की मंगल कामना एवं उनकी लंबी आयु के लिए मां गौरी से प्रार्थना करते हुए यह संकल्प लेना चाहिए।
संकल्प मंत्र
'मम सुखसौभाग्य पुत्रपौत्रादि सुस्थिर श्रीपाप्तये करक चतुर्थी व्रतमहं करिष्ये।'
इसके बाद शाम में भगवान शिव के साथ गौरी गणेश एवं कार्तिक महाराज की पूजा करनी
चाहिए।
ज्योतिषशास्त्र की गणना बताती है कि इस साल दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा, आगरा में
चांद का दीदार शाम करीब 8 बजकर 19 मिनट पर होगा। अमृतसर में चांद 20 बजकर 23
मिनट पर दिखेगा। चंडीगढ़ में 8 बजकर 16 मिनट पर और गुड़गांव में 8 बजकर 20 मिनट पर। वाराणसी में 8 बजकर 1 मिनट पर और 8 बजकर 24 मिनट में चांद दिखेगा।
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