घरों को ठंडा रखने की
सस्ती और कामयाब तकनीक बताते हुए नासा ने छतों को सफेद करने का उपाय सुझाया है।
हालाँकि भारत में बहुत से लोग इस तकनीक को आजमा रहे हैं। इस तकनीक से न केवल शहरों
में बने सीमेंट-कांक़्रीट के घरों का तापमान कम किया जा सकता है बल्कि ग्लोबल
वॉर्मिंग पर भी कुछ हद तक काबू पाया जा सकता है।
छतें तपने से शहर बन रहे
हीटआईलैंड, कांक्रीट की छतें उगल रही हैं आग - सीमेंट-कांक्रीट की छतों से बने घर तेज गर्मी
से भट्टी की तरह तपने लगते हैं।
गर्मी के दिनों में इनमें देर रात को भी बैठना मुश्किल हो जाता है।
सीमेंट-कांक्रीट के ये निर्माण शहरों को हीटआईलैंड (ऊष्माद्वीप) में तब्दील कर रहे
हैं। नासा (नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन) के वैज्ञानिकों का कहना है
कि छतों पर 'सफेद पेंट' या 'चूनायुक्त सफेद सीमेंट' लेप लगाकर इसके प्रभाव
में 70 से 80 प्रतिशत तक की कमी लाई
जा सकती है। सफेद रंग रिफ्लेक्टर का काम करता है।
पर सफेद छत ही क्यों :-
छतों को गर्म होने से
बचाने के लिए सोलर रेडिएशन से बचाव जरूरी है। वैज्ञानिकों के अनुसार डार्क रंग
रेडिएशन के अधिक भाग को अवशोषित कर लेते हैं। सीमेंट से बने छतों का रंग भी गहरा
होता है। यदि छतों को सफेद कर दिया जाए तो सोलर विकिरण परावर्तित होकर वापस स्पेस में
चले जाते हैं। इससे वायुमंडल के तापमान पर भी फर्क नहीं होता है।
सस्ता और आसान उपाय:-
जानकारों के मुताबिक 2 हजार वर्गफीट की छत को
सफेद रंग से पोतने के लिए लगभग 40 किलो चूना और 10 किलो सफेद सीमेंट काफी
है। यह अपेक्षाकृत काफी सस्ता और आसान तरीका है जिसे आम लोग आसानी से उपयोग में ला
सकते हैं।
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