भारतीय
वैज्ञानिको की 20 साल
की मेहनत से बनी है ये परमाणु पनडुब्बी 'अरिहंत !
क्या है इसकी विशेषताएँ जरूर
पढ़िये !
15,000 करोड़
की लागत से तैयार हुई है ।
- 6000टन
वजन, 367 फुट लंबाई, 49 फुट
चौड़ाई।
- 44 किलोमीटर
तक जा सकती है 1 घंटे में।
- 95 लोग
एक साथ सवार हो सकते हैं सफर के दौरान।
- 700 किमी.
तक मार करने वाली स्वदेशी सागरिका मिसाइल से लैस होगी।
-12सागरिका
मिसाइल एक साथ लग सकती हैं परमाणु पनडुब्बी में।
-एक
बार ईंधन भरा तो 10 साल
तक पानी के अंदर रह सकती है !
बार बार ऊपर आकर ईंधन भरने की
जरूरत नहीं !
समुन्द्र के अंदर से ही परमाणु
मिसाइ छोड़ने की क्षमता रखती है ,
समुंद के अंदर से ही ऊपर उड़ रहे
हवाई जहाज को खत्म कर सकती है !!
महासागर में परमाणु पनडुब्बी चलाने
वाला भारत अकेला देश होगा।
- अभी
तक अमेरिका, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन और चीन के पास ही है ऐसी पनडुब्बी।
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इन देशो ने इसे बनाने के लिए भारत
को तकनीक देना तो दूर भारत को बनी बनाई पनडुब्बी भी देने से मना कर दिया था !
क्योंकि अपनी आधुनिक तकनीक कोई भी देश किसी को नहीं देता तकनीक का विकास खुद करना
पढ़ता है ! भारत सरकार को
भारतीय वैज्ञानिको पर भरोसा ही है
! कटोरा लेकर भिखारियो की तरह पहुँच जाते अमेरिका के पास हमे ये दो हमे वो दो !!
ये सब भारतीय वैज्ञानिकों की दिन
रात की कठिन परिश्रम का ही परिणाम है !
ये एक चीज ही नहीं है 5000 किलो मीटर तक मार करने वाले साथ मे परमाणु बंबों
को ले जाने वाली अग्नि 5 मिसाइल भी भारत ने खुद बनाई है भारतीय वैज्ञानिको की
राष्ट्रवादी सोच ने बनाई !!
मित्रो भारतीय वैज्ञानिको को सब कुछ आता है जरूरत है सरकार विदेशियों पर विश्वास
करने की बजाय उन पर विश्वास करें उन्हे पैसा और संसाधन उपलब्ध करवाए !
आप एक बार google पर DRDO ( Defence Research and Development Organisation ) के बारे मे खोजे आपको पता चल जाएगा की भारत को इनहोने के
क्या क्या बनाकर दिया !!
रक्षा क्षेत्र मे 100 % FDI से विदेशी जब भारत मे घुसेंगे तो भारत तो तकनीकी देना तो
दूर इसके उलट जो हम खुद बना लेते है उसे भी बर्बाद कर देंगे !
भारत के वैज्ञानिको ने तकनीकी
क्षेत्र मे और क्या क्या बनाकर देश को दिया है
जानने के लिए यहाँ जरूर click करें !!
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