1. हम
हिन्दू-तीर्थस्थलों की यात्रा के लिए पैसा भी नहीं देते, उल्टे टिकट और अन्य सुविधाओं के सर्विस टैक्स भी वसूलते हैं।
2. हम
सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले को दरकिनार करके यात्रियों को हिन्दुओं पर जाजिया
टैक्स भारी सब्सिडी देते हैं।
3. हम
हिन्दुओं के लिए एक पत्नी रखने का कानून बनाते और मुसलमानों के चार पत्नियां
रखने को जायज ठहराते हैं।
4. हम
भारत माता और हिन्दू देवी-की नंगी तस्वीर बनाने वाले को सर्वश्रेष्ठ
पेन्टर
का खिताब देते हैं।
5. हम
कश्मीर घाटी से हिन्दुओं को जबरन खदेड़े जाने चुप्पी साध लेते हैं और असम के
कोकराझार बांग्लादेशियों के विस्थापन को
राष्ट्रीय शर्म (मानते हैं।
6. हम
अमेरिका में बनी फ़िल्म "इनोसेन्स आफ़ मुस्लिम्स"के खिलाफ़ हिन्दुस्तान में हर तरह
के प्रदर्शन, हिंसा, दंगा,तोड़फ़ोड़ और आगजनी को जायज मानते
हैं।
7. हम
गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस की बोगियों में आग लगाकर हिन्दुओं को ज़िन्दा जला
देने की घटना चुप्पी साध लेते हैं और
प्रतिक्रिया उपजी हिंसा को दुनिया की सबसे बड़ी
सांप्रदायिक घटना मानते हैं।
8. हम
मदरसों में आतंकवाद की शिक्षा देनेवालों को सरकारी
अनुदान देते हैं एवं
सरस्वती शिशु मन्दिरों पर नकेल
लगाते हैं।
9. हम
मस्जिदों में जमा अकूत आग्नेयास्त्रों की खुफ़िया
जानकारी प्राप्त होने के
बाद भी छापा नहीं मारते हैं और हिन्दू मन्दिरों की संपत्ति छापा डालकर
रातो-रात ज़ब्त कर लेते हैं।
10. हम
मन्दिरों की संपत्ति और रखरखाव के लिए सरकारी ट्रस्ट बना देते हैं और
अज़मेर शरीफ़, ज़ामा मस्ज़िद की संपत्ति से
नज़रें फेर लेते हैं।
11. हम
हिन्दुओं के शादी-ब्याह, जन्म-मृत्यु, उत्तराधिकार, जीवन शैली, पूजा-पाठ
के लिए सैकड़ों कानून बना देते हैं लेकिन
मुस्लिम पर्सनल ला की चर्चा करना भूल जाते है।
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