मुस्लिम साई को जबरदस्ती हिन्दू बना कर मंदिरो में बिठाने का पर्दाफाश
1. साई की आरती जो की
साँईं के तथाकथित मंदिरो मे होती है, की एक लाइन है -
"गोपीचंदा
मंदा त्वांची उदरिले ! मोमिन वंशी जन्मुनी लोंका तारिले !
" अर्थात
मोमिन वंशी का मतलब मुस्लिम ख़ानदान,,,,
2. साईं सत्चरित्र के अध्याय 28 में
ये खुद कहता है मैं निम्न जात का यवनी (मुसलमान) हूँ.....
3. साई सत्चरित मे कई बार आया है की उनके होठो पर हमेशा "अल्लाह
मलिक" रहता था, अगर
वो हिन्दू होते तो "जय श्री राम" या जय श्री हरि या कुछ और बोलते......?
4.साई
सत्याचरित मे लिखा
है की "बाबा खाने से पहले ये फातिहा कुरान पढ़ता थे",
क्या कोई
हिन्दू खाना खाने से पहले फतिया पढता है.....?
5. इसके अलावा पहनावे से लेकर खान पान और हरकते सब मुसलमान
की है, सत्याचरित
मे कई बार बकरा काटने और अन्य बाते है....?
जो ये सिद्ध
करती है की साँईं एक
मुस्लिम था, क्या
ये सब बाते हिन्दुओ को मालूम
नहीं है ....?
या सब कुछ
जानते हुए भी अपने सनातन धर्म के साथ एक मोमिन का नाम जुड़ना देखना चाहते है....?
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