हिंदी
एक वैज्ञानिक भाषा है
और कोई भी अक्षर वैसा क्यूँ है
उसके पीछे कुछ कारण है , अंग्रेजी भाषा में ये
बात देखने में नहीं आती |
______________________
और कोई भी अक्षर वैसा क्यूँ है
उसके पीछे कुछ कारण है , अंग्रेजी भाषा में ये
बात देखने में नहीं आती |
______________________
क, ख, ग, घ, ङ- कंठव्य कहे गए,
क्योंकि इनके उच्चारण के समय
ध्वनि कंठ से निकलती है।
एक बार बोल कर देखिये |
ध्वनि कंठ से निकलती है।
एक बार बोल कर देखिये |
च, छ, ज, झ,ञ- तालव्य कहे गए,
क्योंकि
इनके उच्चारण के
समय जीभ तालू से लगती है।
एक बार बोल कर देखिये |
समय जीभ तालू से लगती है।
एक बार बोल कर देखिये |
ट, ठ, ड, ढ , ण- मूर्धन्य कहे गए,
क्योंकि
इनका उच्चारण जीभ के
मूर्धा से लगने पर ही सम्भव है।
एक बार बोल कर देखिये |
मूर्धा से लगने पर ही सम्भव है।
एक बार बोल कर देखिये |
😀
त, थ, द, ध, न- दंतीय कहे गए,
क्योंकि
इनके उच्चारण के
समय जीभ दांतों से लगती है।
एक बार बोल कर देखिये |
समय जीभ दांतों से लगती है।
एक बार बोल कर देखिये |
प, फ, ब, भ, म,- ओष्ठ्य कहे गए,
क्योंकि
इनका उच्चारण ओठों के
मिलने पर ही होता है। एक बार बोल
कर देखिये ।
______________________
मिलने पर ही होता है। एक बार बोल
कर देखिये ।
______________________
हम अपनी भाषा पर गर्व
करते हैं ये सही है परन्तु लोगो को
इसका कारण भी बताईये | इतनी वैज्ञानिकता
दुनिया की किसी भाषा मे नही है
करते हैं ये सही है परन्तु लोगो को
इसका कारण भी बताईये | इतनी वैज्ञानिकता
दुनिया की किसी भाषा मे नही है
जय
हिन्द
क,ख,ग क्या कहता है जरा गौर
करें....
••••••••••••••••••••••••••••••••••••
क
- क्लेश मत करो
ख-
खराब मत करो
ग-
गर्व ना करो
घ-
घमण्ड मत करो
च-
चिँता मत करो
छ-
छल-कपट मत करो
ज-
जवाबदारी निभाओ
झ-
झूठ मत बोलो
ट-
टिप्पणी मत करो
ठ-
ठगो मत
ड-
डरपोक मत बनो
ढ-
ढोंग ना करो
त-
तैश मे मत रहो
थ-
थको मत
द-
दिलदार बनो
ध-
धोखा मत करो
न-
नम्र बनो
प-
पाप मत करो
फ-
फालतू काम मत करो
ब-
बिगाङ मत करो
भ-
भावुक बनो
म-
मधुर बनो
य-
यशश्वी बनो
र-
रोओ मत
ल-
लोभ मत करो
व-
वैर मत करो
श-
शत्रुता मत करो
ष-
षटकोण की तरह स्थिर रहो
स-
सच बोलो
ह-
हँसमुख रहो
क्ष-
क्षमा करो
त्र-
त्रास मत करो
ज्ञ-
ज्ञानी बनो !
No comments:
Post a Comment