मोदी
सरकार ने गुपचुप तरीके से एनजीओ माफियाओ पर शिकंजा कसा ... कई एनजीओ
के पोल खुले ...
करोड़ो रूपये विदेशो से इन एनजीओ को
सिर्फ भारत में उथल पुथल मचाने के लिए मिल
रहे है ...
डीआरआई ने अहमदाबाद में कापर चिमनी
रेस्टोरेंट के पास एक कमरे में चल रहे एक एनजीओ
"सेंटर फॉर सोशल जस्टिस" पर रेड किया तो पता चला की इस एनजीओ को
सिर्फ एक साल के भीतर ही विदेशो से Rs.8.07 crore की फंडिंग हुई है ..जिसमे से Rs. 5,29,11,725 रूपये वाशिंगटन से ट्रांसफर हुए है ...
आगे
की जाँच में पता चला की अरब देशो से पैसे पहले अमेरिका या ब्रिटेन भेजा जाता है फिर
वहां से उसे भारत में एनजीओ को सामाजिक काम
के नाम
पर भेज दिया जाता है ......
रिकार्ड के अनुसार विदेशो से भारत
भेजे गये कुल विदेशी फंड का ९०% हिस्सा सिर्फ
गुजरात में काम कर रही नरेंद्र मोदी विरोधी
एनजीओ को मिलता था और इसमें भारत की पूर्व
यूपीए सरकार की मिलीभगत भी उजागर हुई है
...
गुजरात में काम कर रहे एनजीओ जिसमे
सबरंग ट्रस्ट, अनहद, जन संघर्ष मंच, तीस्ता
जावेद फाउंडेशन, सेंटर फॉर सोशल जस्टिस, आदि को अरबो रूपये इस्लामिक देशो से मिले है ..
अनहद संस्था शबनम हाश्मी की है ...
सबरंग ट्रस्ट के ट्रस्टी जावेद अख्तर, महेश भट्ट, फादर
फ्रांसिस, सैयद बुखारी आदि है .
आज गुजरात प्रदेश कांग्रेस प्रमुख ने
डीआरआई के द्वारा एनजीओ के ठिकानो पर
छापेमारी का विरोध किया और कहा की ये जनता की आवाज दबाने की साजिश है
.....
किसी भी एनजीओ ने सालो से भारत सरकार को अपने विदेशी फंड के खर्च का हिसाब नही दिया है ....
जो नियमानुसार जरूरी है ......
No comments:
Post a Comment