१. मुस्लिम आबादी
दर हर गैर इस्लामिक देश में गैर मुसलमानों की तुलना में दुगनी रफ़्तार से बच्चे
पैदा करते हैं | जिससे अर्थव्यवस्था गड़बड़ा जाती हैं |
२. मुस्लिम आबादी
पढाई लिखाई में कोई रूचि नहीं रखती | अंग्रेजी, गणित, विज्ञानं आये ना आये कुरान जरुर बच्चों को पढाई जाती है |
३. मुस्लिम जो
व्यवसाय करते हैं वो भी समाज हित के नहीं होते | जैसे बड़े व्यवसायी जो टेनरी चलाते हैं उसकी गंदगी नदियों में बहाते हैं जिस
से पानी में आर्सेनिक जैसे जहर की मात्रा बढती जाती हैं |
४. मुस्लिमो की
गोस्त की दुकाने आसपास बिमारियां लाती हैं | जानवरों की हत्या अन्न-जल संकट का प्रमुख कारण हैं |
५. जहा मुस्लिम
अधिक होते हैं वह संगठित तरीके से रहते हैं और आसपास किसी गैर मुस्लिम को बसने नहीं
देते | १०० हिन्दुओ के बीच एक मुस्लिम रह सकता हैं पर
१०० मुसलमानों के बीच हिंदू नहीं रह सकता |
६. मुस्लिम संगठित
होने की वजह से गैर मुसलमानों से बेवजह झगडा करते हैं, अगर आस पास उनकी संपत्ति होती हैं तो उस पर
कब्ज़ा कर लेते हैं जैसा की कश्मीर में हुआ |
७. परिवार में अधिक
सदस्य होने से और अशिक्षित होने से छोटे संगठित अपराध करते हैं | जैसे की अनाधिकृत कब्जे, बिजली चोरी, नशीले पदार्थो का धंधा करते हैं |
८. ये छोटे अपराधी
जल्द ही बड़े अपराधियों से जा मिलते हैं और ये बड़े अपराधी भी कभी ना कभी उन्ही
मुस्लिम बस्तियों से निकल कर आये होते हैं | टाइगर मेनन और दाउद इब्राहीम कासकर और ना जाने कितने अपराधी ऊपर उठे |
९. बड़े अपराधी देश
की अर्थ व्यवस्था को बिजली चोरी या अतिक्रमण की तरह छोटा मोटा नुक्सान नहीं
पहुचाते बल्कि हजारो करोडो का नुक्सान पहुचाते हैं | जैसे स्टाम्प घोटाले व हवाला कांड का प्रमुख अब्दुल करीम तेलगी १०,००० करोड़ व हसन अली ३६,००० करोड़ इत्यादि रकम कमाते हैं और इसे
इस्लामिक मुल्को से गैर इस्लामिक देशो में आतंक हत्या के लिए हथियार प्रशिक्षण पर
प्रयोग किया जाता हैं |
१०. वे मुस्लिम जो
काफ़िर देश में किये गए अपराध लूट पाट को धार्मिक कृत्य मानते हैं वे और भी तरीको
से मुस्लिम लड़के गैर-इस्लामिक देश में जंग के लिए तैयार करते हैं | उनमे से एक सरलतम रास्ता जेहाद का हैं काफ़िर का
क़त्ल हर मुस्लिम पर अनिवार्य हैं |
११. कुरान पढ़े
बेरोजगार लड़के जेहाद के लिए आसानी से तैयार हो जाते हैं बल्कि अपना सौभाग्य समझते
हैं और इस्लामिक देशो में मौजूद अपने रहनुमाओ की मदद से जेहादी बनते हैं |
१२. ये जेहादी देश
में समय समय पर बम विस्फोट सामूहिक हत्याए वा दंगे करते हैं | दंगो को कुछ लोगो की शरारत कहा जाता हैं जबकि बम
विस्फोट पर कहा जाता हैं की इसका इस्लाम और मुसलमानों से कोई लेना देना नहीं जबकि
दोनों ही जेहाद अर्थात धर्मं युद्ध का हिस्सा हैं |
१३. यदि गैर
इस्लामी कौमे संगठित होकर धर्मं युद्ध का जवाब देती हैं तो मुस्लिम जोर जोर से
हल्ला करना चालु करते हैं के हम पर जुल्म और अत्याचार हो रहा हैं, हम सुरक्षित नहीं इस मुल्क में |
१४. मुसलमानों के
संगठित होने की वजह से और हमलावर होने की वजह से नास्तिक राजनैतिक दल मुसलमानों का
पक्ष लेने में ही अपनी भलाई समझते हैं जैसे की भारत में कांग्रेस, समाजवादी, कमुनिस्ट दल इत्यादि |
१५. क्योंकि इन
दलों का धर्म से, संस्कृति से कोई लेना देना नहीं होता और मुस्लिम
समर्थन मिलने पर इन्हें सत्ता का और लालच आ जाता हैं ये मुस्लिम आबादी के बढने में
और सहायता करते हैं उनके हर काम में चाहे वो गलत हो या सही, साथ देते हैं |
१६. बंगलादेश से
आये ४ करोड़ मुस्लिमो को कांग्रेस ने ना केवल बसाया अपितु उनको जिस कानून (आई. ऍम.
टी. डी. एक्ट) की सहायता से निकाला जा सकता था उसे भी खत्म कर दिया |
१७. आतंकवाद के
खिलाफ कानून (पोटा एक्ट) बनाना तो दूर रहा, जो कानून था उसको भी खत्म कर दिया |
१८. मुस्लिम नाराज
ना हो इस लिए जेहादियों को उच्चतम न्यायालय से दी हुयी को सजा को भी रोके रखते हैं
| जैसा की कांग्रेस ने अफजल गुरु की फ़ासी रोक रखी
हैं |
१९. गैर मुस्लिमो
के इस कथित सेकुलर वर्ग की इस मूर्खता से मुस्लिम खुश होते हैं और और तेजी से
आबादी बढ़ाने का उपाए सोचते हैं
२०. इन उपायों में
गैर मुस्लिम सम्प्रदाये की लड़कियों को प्यार के झूठे जाल में फसाना होता हैं और
उनसे बच्चे पैदा करने होते हैं इन्हें लव जेहादी कहते हैं |
२१. अगर ये लव
जेहादी ३-४ हिंदू या ईसाई लडकियो को जिन्हें ये वर्गला-फुसला के भगा लाए थे, खिला (वहन) नहीं कर पाते हैं, तो भोग करने के बाद किसी अधेड उम्र के मुस्लिम
को बेच देते हैं अधिकतर वह मुस्लिम बदसूरत ही होते हैं इसीलिए उन्हें इस उम्र तक
औरते नहीं मिल पाती |
२२. मुस्लिम आबादी
बढ़ने के साथ-साथ छोटे-छोटे इस्लामिक क्षेत्रो का भी निर्माण करते हैं | जैसे हिंदू इलाके में अधिक दामों पर कोई एक
इमारत खरीद कर लेते हैं और फिर वहा बड़े मुस्लिम परिवार बसा दिए जाते हैं |
२३. ये मुस्लिम लोग
आसपास लोगो से आये दिन झगडा करते हैं और धीरे धीरे पडोसियो को अपने घर सस्ते दामों
पर किसी मुस्लिम को ही बेचने को मजबूर कर देते हैं इस प्रकार इनकी एक मकान पर खर्च
की गयी अतिरिक्त रकम से कही अधिक मुनाफा निकल आता हैं |
२४. मुसलमानों की
मस्जिद अक्सर शहर के बीचों-बीच होती हैं ताकि किसी तरह की व्यवस्था बिगडने पर
मीनारो की आड़ से पुलिस को देख सके | और जरुरत पड़ने पर खुद पुलिस व्यवस्था पर हमला कर सके |
२५. छोटी मुस्लिम
बस्तियाँ ना केवल संगठित होती हैं अपितु हमलावर लोगो से भरी होती हैं | हर घर में देसी तमंचे मिलना सामान्य बात होती
हैं |
२६. भारत में
नव-निर्मित मुस्लिम बस्तियाँ अक्सर या तो राजमार्गो के किनारे होती हैं या ट्रेन
लाइनों के किनारे | राजमार्गो के किनारे बनी मजारो में जिनमे से
अधिकतार कुत्ते बिल्लियो की या खाली ही होती हैं हथियार छुपाये रहने की संभावनाओ
से इंकार नहीं किया जाता |
२७. यदि
गैर-इस्लामिक देश के अगल-बगल में इस्लामिक देश हैं तो समय-समय पर इस्लामिक देश
हमला करते रहेंगे जैसा की भारत का पडोसी पाकिस्तान करता रहता है |
२८. ऐसे पडोसी
इस्लामिक मुल्क प्रत्यक्ष जीत ना पाने की स्थिति में छदम युद्ध प्रारंभ करते हैं | गैर इस्लामिक मुल्क में मौजूद मुस्लिमो की मदद
लेते हैं इस्लामिक एकता के नाम पर |
२९. आबादी में ३०
प्रतिशत तक पहुचने पर समय आ जाता मुस्लिमो के लिए के वो काफ़िर देश पर कब्ज़ा कर
ले क्यों की संगठित ३०% मत किसी भी लोकतान्त्रिक देश में काफी है सरकार बनाने के
लिए या ग्रह युद्ध के माध्यम से कब्ज़ा करने के लिए |
३०. इस सम्भावना से
भी इनकार नहीं किया जा सकता के मुस्लिम पडोसी देश के साथ मिल जाये और बाहर से हमले
के समय अंदर से भी हमला कर दे | युद्ध के समय रेल लाइन उखाड दे, तेल पाइपलाइन तोड़ दे राज मार्ग जाम कर दें इत्यादि ताकि सेना को समय पर रसद
ना मिले और वो हार जाये |
३१. सेना के हारते
ही विदेशी मुस्लिम गैर-इस्लामिक देश में आ जायेंगे और योगदान के अनुसार देसी
मुस्लिमो को सत्ता में हिस्सेदारी दे देंगे क्यों की उनकी जीत में उनका भी बड़ा
योगदान होगा |
३२. देश को दारुल
हरब से दारुल इस्लाम घोषित कर दिया जायेगा | यानि गैर इस्लामिक देश इस्लामिक देशो में से एक हो जायेगा | गैर इस्लामिक देश में क्या क्या होता हैं ये
हमें लिखने की जरुरत नहीं फिर भी हम आगे के लेख में बताएँगे |
लेख समीक्षा : आप
उपरोक्त लेख पढ़ कर समझ ही चुके होंगे की भारत इस्लामिक देश बनने की कगार पर हैं | सबसे मूल करण मुस्लिम आबादी का हिन्दुओ ईसाइयों
और अन्य सभी से दोगुनी रफ़्तार से बढ़ना हैं | इसका दूसरा प्रमुख कारण है भारत का फर्जी सेकुलरवाद जो भारत को इस्लामिक राष्ट्र
बनाने की ओर अग्रसर हैं |
आप ये कहे सकते हैं
के घोटाले अपराध भ्रष्टाचार में तो हिंदू भी आंगे हैं तो मुस्लिमो को दोष क्यों
देना | हमारा उत्तर हैं के हिंदू भ्रष्टाचार कर के
हथियार नहीं खरीदते, ना ही उन हथियारों से वो पाकिस्तान में बम
विस्फोट करते हैं ना ही राष्ट्र का ख्याल ना कर के आबादी बढ़ाते हैं | मुस्लिम हर कदम अपनी कौम को ध्यान में रख के
उठाते हैं और उनका अंतिम लक्ष्य होता हैं देश का इस्लामीकरण जबकि भ्रष्ट हिंदू को
हिंदू राष्ट्र से कोई लेना देना नहीं होता |
आप ये भी सोच रहे
होंगे के मुस्लिमो ने देश में बड़ा योगदान किया हैं | जब हम उन गिने चुने लोगो को जानते हैं तो पता
चलता हैं वो मुस्लिम हैं ही नहीं | जैसे की अब्दुल कलाम अग्नोस्टिक हैं, अज़ीम प्रेमजी का भी यही हाल हैं, अशफाक उल्ला खान आर्य समाजी थे व हिंदू राष्ट्र का समर्थन करते थे |
मुस्लिमो ने जितना योगदान
नहीं किया था, उस से ज्यादा बटवारे के तौर पर ले लिया |
बांकी आप अपने
आस-पास मुस्लिम गतिविधियाँ देख कर लेख की सत्यता परख सकते हैं।
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