राष्ट्रपति प्रणब
मुखर्जी ने सोमवार को संसद के केंद्रीय कक्ष में अपने संबोधन के दौरान महंगाई से
निपटने को नई सरकार के सामने सबसे बड़ी प्राथमिकता बताया। दोनों सदनों के संयुक्त
सत्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने मोदी सरकार के एजेंडे को पेश किया। राष्ट्रपति
के बाद उनके भाषण के अहम हिस्सों को उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने पढ़ा।
बता दें कि
अभिभाषण के बाद दोनों सदनों के महासचिव अभिभाषण की प्रति पटल पर रखेंगे। भाजपा की
ओर से मुख्तार अब्बास नकवी राज्यसभा में और राजीव प्रताप रुडी लोकसभा में बहस की
शुरुआत करेंगे।
राष्ट्रपति की ओर
से अहम एलान
-कोयला, खनिज और टेलिकॉम स्पेक्ट्रम जैसे प्राकृतिक संसाधनों के आवंटन के लिए
पारदर्शी और स्पष्ट नियम बनाए जाएंगे।
-आतंकवाद और धार्मिक उन्माद के खात्मे के लिए
नीतियां बनाई जाएंगी।
-भारत जल्द ही रक्षा क्षेत्र में वैश्विक प्लेटफॉर्म
के तौर पर उभरेगा। डिफेंस सेक्टर में मैन पावर की कमी को दूर किया जाएगा।
-सरकार जल्द ही वॉर मेमोरियल बनवाएगी।
-मैनुफैक्चरिंग सेक्टर में तेजी लाने के लिए
सरकार सिंगल विंडो सिस्टम लाएगी।
-छोटे इलाकों को कनेक्ट करने के लिए लो कॉस्ट
एयरपोर्ट डिवेलप किए जाएंगे।
-हाई स्पीड ट्रेनों के लिए योजनाएं लाई जाएंगी।
-रेलवे सेक्टर की बेहतरी के लिए कदम उठाए
जाएंगे।
-टैक्स नियमों में
बेहतरी और निवेश के लिए बेहतर माहौल बनाया जाएगा।
-सरकार से आम जनता
को जोड़ने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल होगा।
- अहम इलाकों में
अगले 5 साल में वाई फाई जोन, नेशनल ई-गवर्नेंस प्लान लाया जाएगा।
-कश्मीरी पंडितों के उनकी जमीन पर वापसी की
दिशा में हर संभव मदद की जाएगी।
-नॉर्थ ईस्ट में घुसपैठ की समस्या को
प्राथमिकता देकर निपटा जाएगा।
-नई सरकार संसद में महिलाओं के लिए 33 फीसदी रिजर्वेशन के लिए प्रतिबद्ध है।
-महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों में जीरो
टॉलरेंस की नीति।
-बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम की होगी
शुरुआत।
-मदरसों को आधुनिक बनाने की दिशा में काम किया
जाएगा।
-सरकार हर राज्य में नए आईआईटी और आईआईएम
खोलेगी।
-स्वच्छ भारत
मिशन की शुरुआत की जाएगी।
-खेलों को स्कूल के
पाठ्यक्रम का अभिन्न हिस्सा बनाया जाएगा।
-जल संसाधनों की
सुरक्षा को अहम प्राथमिकता दी जाएगी।
-गरीबी घटाई नहीं जाएगी, बल्कि खत्म की जाएगी।
-गांवों में जीवन
स्तर को बेहतर करने की कोशिश, पंचायती राज सिस्टम को ताकत दी जाएगी।
-जमाखोरी और
कालाबाजारी को रोकने के लिए कदम उठाए जाएंगे।
-सबसे बड़ी चुनौती
है गरीबी खत्म करना।
-सरकार 'मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सीमम गवर्नेंस' के मंत्र पर काम करेगी।
चीन से मुकाबले के
लिए मोदी ने बताए तीन 'एस'
सोमवार को चीन के
विदेश मंत्री से मुलाकात के पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र
मोदी ने चीन से मुकाबले
के लिए देश को 'तीन-एस' का मंत्र दिया है। तीन-एस यानी स्किल, स्केल और स्पीड।
मोदी ने रविवार को
अपने निवास सात रेसकोर्स रोड पर आयोजित पहले कार्यक्रम के दौरान कहा, 'देश की 65 फीसदी आबादी 35 साल से कम की है। इसकी प्रतिभा का सही इस्तेमाल हो, इसके लिए युवाओं के 'स्किल डेवलपमेंट' पर ध्यान देना होगा। लक्ष्य तय करते वक्त दायरा यानी 'स्केल' बड़ा हो। निर्धारित लक्ष्यों को तेजी से मतलब 'स्पीड' से पूरा करें। ये तीन प्राथमिकताएं होनी चाहिए।'
भारत-चीन के बीच
रिश्ते की नई पहल
भारत और चीन ने
रिश्ते सुधारने की नई पहल की है। अगले छह माह में दोनों देशों के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री आपस में मिलेंगे। हालांकि इसकी अभी तारीखें तय
नहीं की गई हैं। रविवार को चीनी विदेश मंत्री वांग यी
और भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अगली मुलाकात का कैलेंडर बनाने का फैसला किया।
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