लीची समस्त
भारत में मुख्यतयः उत्तरी भारत,बिहार,आसाम,पश्चिम बंगाल,उत्तराखंड,आंध्र प्रदेश एवं नीलगिरि क्षेत्रों में इसको घरों व बगीचों में लगाया जाता है
|
इसके फल गोल,कच्ची अवस्था में हरे रंग के,पकने पर मखमली लाल रंग के होते हैं | फल के अंदर का गूदा सफ़ेद रंग का व मीठा होता
है |
फल के अंदर
एक भूरे रंग का बड़ा सा बीज होता है | इसका पुष्पकाल एवं फलकाल फ़रवरी से जून तक होता है |
इसके फल में
शर्करा,
मैलिक अम्ल,साइट्रिक अम्ल,टार्टरिक अम्ल,विटामिन A ,B ,C तथा खनिज पदार्थ पाये जाते हैं | गर्मियों में जब शरीर में पानी व खनिज लवणों
की कमी हो जाती है तब लीची का रस बहुत फायदेमंद रहता है |
लीची के औषधीय उपयोग -
१- लीची के
फल का सेवन करने से आँतों की बिमारी तथा पेट दर्द में लाभ होता है |
२- लीची का
सेवन करने से कमजोरी दूर होती है तथा शरीर पुष्ट होता है |
३- लीची
खाने से पित्त की अधिकता कम होती है तथा कब्ज भी ख़त्म होती है |
५- गर्मी के
मौसम में आधा कप लीची का रस प्रतिदिन पीने से हृदय को बल मिलता है |
६- बवासीर
के रोगियों के लिए लीची का सेवन बहुत लाभकारी है |
७- लीची
जल्दी पच जाती है|
यह पाचन क्रिया
को मजबूत बनाने वाली तथा लीवर के रोगों में लाभकारी है |
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