यूपीए के भरोसेमंद लोगों की
होगी छुट्टी
यूपीए
सरकार के दौरान नियुक्त राज्यपालों के बाद अब तमाम आयोगों और प्रमुख संस्थानों के
अहम पदों पर काबिज लोगों को हटाने की कसरत भी मोदी सरकार ने शुरू कर दी है।
राजनीतिक नियुक्ति की वजह से निजाम बदलने के बाद इन आयोगों के
अध्यक्षों को कुर्सी छोड़ने के लिए कहा जा रहा है ताकि मोदी सरकार अपने लोगों की
नियुक्ति यहां कर सके।
सरकार के इस दबाव में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के
उपाध्यक्ष शशिधर रेड्डी ने इस्तीफा भी दे दिया है। जबकि एससी-एसटी आयोग के अध्यक्ष
पीएल पूनिया, महिला आयोग की अध्यक्ष ममता शर्मा के साथ
भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के अध्यक्ष पद से डा. कर्ण सिंह को भी हटाने की
सरकार की तैयारी है।
हालांकि संवैधानिक निकायों के प्रमुखों को हटाने की प्रक्रिया आसान
नहीं है। लेकिन शुरूआती तौर पर उन्हें फोन कर इस्तीफा देने के लिए कहा जा रहा है।
मोदी सरकार करेगी अपने लोगों
की नियुक्ति
इस
बाबत महिला एवं बाल विकास मंत्रालय से जुड़े महिला आयोग, बाल आयोग,
सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय से जुड़े अनुसूचित जाति आयोग,
अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्षों को इस्तीफा देने के लिए कहा गया है।
जबकि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष समेत सभी सदस्यों
को इस्तीफे के लिए कहा गया है। लेकिन अध्यक्ष इस संदर्भ में कुछ भी बोलने से कतरा
रहे हैं।
एनडीएमए के उपाध्यक्ष शशिधर रेड्डी ने तीन दिन पहले ही अपना इस्तीफा
प्रधानमंत्री को भेजने की पुष्टि करते हुए कहा कि राजनीतिक सत्ता परिवर्तन के बाद
इसमें कुछ अस्वाभाविक नहीं है।
मोदी सरकार लेगी सबका
इस्तीफा
वहीं
महिला आयोग की अध्यक्ष ममता शर्मा फिलहाल विदेश यात्रा पर हैं। लेकिन यात्रा पूर्व
दिये गए बयान में उन्होंने किसी दबाव में कुर्सी छोड़ने से मना कर दिया था। उनका
कहना था कि संवैधानिक नियुक्ति होने के बावजूद पद छोड़ने का दबाव बनाना ठीक नहीं
है।
बाल आयोग की अध्यक्ष कुशल सिंह ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के
दो आला अधिकारियों की ओर से इस्तीफे का दबाव बनाने की बात कबूली थी। उन्होंने इस
मसले को कोर्ट के सामने भी रखा। फिलहाल यह मसला न्यायालय के अधीन है।
दूसरी ओर अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष पीएल पूनिया ने पद छोड़ने
के दबाव पर असहमति जताई है। इसी तरह दूसरे आयोगों के अध्यक्ष भी मना कर रहे हैं।
लेकिन सरकारी खेमे से उन्हें फोन जाने की बात जरूर कही जा रही है।
No comments:
Post a Comment