देश के विकास को रफ्तार देने
की नीति
प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी ने देश के विकास के संबंध में बेहतर नीतियों के निर्माण में
विशेषज्ञों और बौद्धिक जमात से खुलकर राय देने की अपील की है। प्रधानमंत्री ने
अपने सरकारी निवास 7
आरसीआर पर बिबेक ओबेराय सहित कुछ अन्य विशेषज्ञों द्वारा संपादित
पुस्तक ‘गेटिंग इंडिया बैक ऑन ट्रैक : एन एक्शन एजेंडा फॉर
रिफॉर्म्स’ का लोकार्पण किया।
इस दौरान उन्होंने देश में विकास को रफ्तार देने और इससे संबंधित
बेहतर नीति बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों और बौद्धिक लोगों के
सुझाव से ही एक बेहतर नीति तैयार की जा सकती है। प्रधानमंत्री ने विकास से संबंधित
सभी मामलों में विश्वविद्यालयों में अनुसंधान और विश्लेषण को बढ़ावा देने का आह्वान
किया।
उन्होंने ऊर्जा की जरूरत को पूरी करने के लिए सौर ऊर्जा के उत्पादन
को बढ़ाने पर भी जोर दिया। उन्होंने शहरीकरण को समस्या के रूप में देखने के बदले
अवसर के रूप में देखने की भी अपील की। उन्होंने कहा कि अगर हमें रोजगार बढ़ाने और
बेहतरी लाना है तो हमें देश में 100 नए शहर बसाने होंगे।
मोदी की तिरंगे के तीन रंग
की चर्चा
प्रधानमंत्री
ने इस दौरान देश के तिरंगे के तीन रंगों की चर्चा करते हुए इसी के अनुरूप
भविष्योन्मुखी विकास का क्रांतिकारी एजेंडा बनाने का आह्वान किया। उन्होंने तिरंगे
के हरे रंग का जिक्र करते हुए कहा कि हमें दूसरी हरित क्रांति लाने की जरूरत है।
इसके लिए हमें उपज बढ़ानी होगी, इसके लिए
बेहतर तकनीक अपनानी होगी। उन्होंने सफेद रंग की चर्चा करते हुए श्वेत क्रांति लाने
की जरूरत बताई। इसके तहत उन्होंने दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए नई सोच विकसित करने
की जरूरत बताई।
भगवा रंग की चर्चा करते हुए पीएम ने इसे ऊर्जा से जोड़ा। उन्होंने
कहा कि बेहतर विकास के लिए ऊर्जा बेहद महत्वपूर्ण है। खासतौर से इस क्षेत्र में
देश सौर ऊर्जा के क्षेत्र में काफी प्रगति कर सकता है। तिरंगे के नीले रंग के अशोक
चक्र का जिक्र करते हुए उन्होंने मत्स्य उद्योग को बढ़ावा देने की अपील की।
अभिभाषण में दिखेगा सुशासन
का एजेंडा
सोमवार
को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के अभिभाषण के जरिए अपनी
नई सरकार का भावी एजेंडा देश के सामने रखेंगे। अभिभाषण मुख्य रूप से नई सरकार के
सुशासन के एजेंडे पर केंद्रित होगा। खासतौर पर इसमें नई सरकार की अगले सौ दिन का
एजेंडा भी सामने आएगा,
जिसे सरकार के गठन के बाद से ही देशव्यापी चर्चा मिली है।
अभिभाषण के जरिए नई सरकार भ्रष्टाचार, महंगाई
और विकास के संदर्भ में अपनी भावी रणनीति देश को बताएगी। उल्लेखनीय है कि
राष्ट्रपति सोमवार को संसद के सेंट्रल हॉल में संसद के दोनों सदनों को संबोधित
करेंगे। हमेशा की तरह इस संबोधन में नई सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों का खुलासा
होगा। इसके बाद अभिभाषण पर संसद के दोनों सदनों में जोरदार चर्चा होने की उम्मीद
है। सत्र के अंतिम दिन प्रधानमंत्री दोनों सदनों में चर्चा का जवाब देंगे।
नई सरकार अभिभाषण के जरिए सुशासन के अपने एजेंडे को सामने लाने के
साथ-साथ विकास के भावी कार्यक्रमों और महंगाई के साथ ही भ्रष्टाचार से निपटने का
खाका भी सामने रखेगी। इसके साथ ही राष्ट्रपति के अभिभाषण से नई सरकार की नीतियों
और कार्यक्रमों का भी खुलासा होगा। इसके अलावा इसी अभिभाषण में नई सरकार का आंतरिक
और बाह्य सुरक्षा पर भी दृष्टिकोण सामने आएगा। नई कृषि नीति का अभिभाषण में मुख्य
रूप से उल्लेख होगा।
'स्किल,
स्केल और स्पीड पर ध्यान देने की जरूरत'
प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी का कहना है कि भारत को चीन से प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिए
स्किल,
स्केल और स्पीड पर ध्यान देना होगा। साथ ही देश को अपने कृषि और
ऊर्जा क्षेत्र में क्रांतिकारी सुधार करने होंगे।
उन्होंने कहा कि यदि भारत को चीन से मुकाबला करना है तो कौशल,
उत्पादन स्तर और रफ्तार पर ध्यान देना होगा। देश की 65 प्रतिशत आबादी 35 साल से कम उम्र की है और देश को
अपनी युवा आबादी का लाभ उठाना ही चाहिए। इसलिए उन्होंने कौशल विकास को प्राथमिकता
दिए जाने पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके लिए कौशल विकास को प्राथमिकता
वाला क्षेत्र बनाने की जरूरत है।
प्रधानमंत्री ने कौशल विकास के लिए शिक्षण, नर्सिंग
और पैरामेडिकल क्षेत्र का उल्लेख करते हुए कहा कि अच्छे शिक्षकों की समाज में बहुत
बड़ी जरूरत है लेकिन देश में मौजूदा वक्त में अच्छे शिक्षक बहुत कम हैं। उन्होंने
कहा कि क्या भारत अच्छे शिक्षकों का निर्यातक बन सकता है जोकि वैश्विक स्तर पर
पूरी एक पीढ़ी की कल्पना पर कब्जा कर लें। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों को शोध
और विकासगत प्रक्रिया के विश्लेषण में सक्रिय रूप से शामिल होना चाहिए। साथ ही
नीति संबंधी फैसलों में अपना योगदान करना चाहिए।
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