मोदी सरकार मुंबईवासियों के लिए अच्छे दिन ले
आई। पिछले कई महीनों से रेल मंत्रालय में अटकी मुंबई मेट्रो की फाइल आख़िरकार मोदी
सरकार ने सरकार बनने के दस दिनों के भीतर पास कर दी। गौरतलब है कि मुंबई मेट्रो की
सेवा रेलवे बोर्ड की हरी झंडी के लिए रुका था। गुरुवार को रेल मंत्री सदानंद गोड़ा ने मेट्रो चलाने
के लिए 'सेफ्टी क्लीअरेंस सर्टिफिकेट' जारी किया।
जो कुछ ही दिनों
में महाराष्ट्र सरकार को सौंपा जाएगा। भाजपा सांसद किरीट सोमैय्या ने बताया कि
सरकार के गठन होते ही मोदी ने मुंबई मेट्रो को जल्द से जल्द चालू करने के बारे में
कहा था। अब जैसे ही रेल मंत्रालय का पत्र महाराष्ट्र सरकार को प्राप्त होगा उसके
कुछ ही दिनों में मेट्रो शुरू की जायेगी।
किराए पर जारी
है खींचतान
एक तरफ मुंबई
मेट्रो को दौड़ाने की तैयारी की जा रही है, वहीं अब तक इसके भाड़े पर कोई अंतिम निर्णय नहीं हो पाया है। एमएमओपीएल ने
लागत में बढ़ोतरी के आधार पर किराए में बढ़ोतरी की मांग की है। वहीं, दूसरी ओर इसका जोरदार विरोध भी शुरू हो गया
है।
एमएमओपीएल का
तर्क है कि मेट्रो ऐक्ट में आने की वजह से अब मेट्रो किराए को तय करने का अधिकार
एमएमओपीएल के पास है। यह मेट्रो रेल एडमिनिस्ट्रेटर के तौर पर काम करेगा। मेट्रो
का किराया 9
से 13 रुपये तक है। इसे बढ़ाकर 22 से 33 रुपये तक करने की मांग हो रही है।
न्यूनतम
किराया 9 रुपए और
अधिकतम किराया 13 रुपए
राज्य सरकार की अधिसूचना के मुताबिक, पहले साल न्यूनतम किराया 9 रुपए और अधिकतम किराया 13 रुपए रखा जाना था। बाद में हर चार साल में किराये में 11 प्रतिशत की वृद्धि की जानी थी और 35 साल की रियायती अवधि (2044-45) खत्म होने पर न्यूनतम किराया 24 रुपए और अधिकतम किराया 37 रुपए रखा जाना था। लागत करीब दोगुनी होने का हवाला देते हुए
आर इंफ्रा न्यूनतम किराया 22 रुपए और
अधिकतम किराया 33 रुपए रखे
जाने की मांग करती रही है और राज्य सरकार इसके खिलाफ थी।
पिछले
वर्ष मुख्यमंत्री ने किया था वादा
गौरतलब है कि पिछले वर्ष महाराष्ट्र
दिवस के मौके पर राज्य के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने वादा किया था कि मुम्बई
में वर्सोवा से एयरपोर्ट रोड के बीच राज्य की पहली मेट्रो रेल सितम्बर में चालू कर
दी जाएगी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने रेलगाड़ी को हरी झंडी दिखाकर परीक्षण के लिए
रवाना किया था। उत्तरी मुंबई के अंधेरी उपनगर में मेट्रो को पहली बार वर्सोवा से
आजाद नगर के बीच तीन किलोमीटर तक ही चलाया गया था।
मेट्रो का विस्तार महानगर
से सटे ठाणे जिले तक
मुख्यमंत्री ने कहा था कि मुंबई मेट्रो का विस्तार
महानगर से सटे ठाणे जिले तक किया जाएगा और शीघ्र ही अलग से मोनोरेल परियोजना पर भी
काम किया जाएगा। यह खंड 11.40 किलोमीटर लम्बे
वसरेवा-घाटकोपर गलियारे का हिस्सा होगा, जो पूर्व और पश्चिम के बीच सम्पर्क सेतु बनेगा और अभी
लगने वाले 90 मिनट की यात्रा अवधि को घटाकर 20 मिनट कर देगा। मुंबई मेट्रो के पहले चरण 'वर्सोवा-घाटकोपर' का निर्माण कार्य करीब 2,356 करोड़ रूपये की लागत से किया गया है।
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