Sunday 26 January 2014

मैं इस जलती कलम से क्या लिखूं"


ज़िक्र भी करदूं मोदीका तो खाता हूँ गालियां अब आप ही बता दो मैं
इस जलती कलम से क्या लिखूं ??

कोयले की खान लिखूं या मनमोहन बेईमान लिखूं ? ......
पप्पू पर जोक लिखूं या मुल्ला मुलायम लिखूं ?

सी.बी.आई. बदनाम लिखूं या जस्टिस गांगुली महान लिखूं ?
शीला की विदाई लिखूं या लालू की रिहाई लिखूं

आपकी रामलीला लिखूं या कांग्रेस का प्यार लिखूं
भ्रष्टतम् सरकार लिखूँ या प्रशासन बेकार लिखू ?

महँगाई की मार लिखूं या गरीबो का बुरा हाल लिखू ?
भूखा इन्सान लिखूं या बिकता ईमान लिखूं ?

आत्महत्या करता किसान लिखूँ या शीश कटे जवान लिखूं ?
विधवा का विलाप लिखूँ या अबला का चीत्कार लिखू ?

दिग्गी का 'टंच माल' लिखूं या करप्शन विकराल लिखूँ ?
अजन्मी बिटिया मारी जाती लिखूया सयानी बिटिया ताड़ी जाती लिखू?

दहेज हत्या, शोषण, बलात्कार लिखू या टूटे हुए मंदिरों का हाल लिखूँ ?
गद्दारों के हाथों में तलवार लिखूं या हो रहा भारत निर्माण लिखूँ ?

जाति और सूबों में बंटा देश लिखूं या बीस दलो की लंगड़ी सरकार लिखूँ ?
नेताओं का महंगा आहार लिखूं या 5 रुपये का थाल लिखूं ?

लोकतंत्र का बंटाधार लिखूं या पी.एम्. की कुर्सी पे
मोदी का नाम लिखूं

अब आप ही बता दो मैं इस जलती कलम से क्या लिखूं"

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