Thursday 30 January 2014

नक्सलवादी और देशद्रोही केजरीवाल




केजरीवाल नक्सलवाद का ही दूसरा चहरा है जो भारतीय संविधान में 
विशवास नहीं रखता

आइये इनकी १ महीने की सरकार के अंतर्गत हुए संविधान कि अवहेलना को 
ध्यान से देखे

भारतीय संविधान के अनुसार राष्ट्रपति उपराष्ट्रपति राज्यपाल उपराज्यवाल 
क़ी उपस्थिति में कोई भी व्यक्ति भाषण नहीं देसकता है लेकिन केजरीवाल 
ने शपथ ग्रहण समारोह में भाषण दिया 

किसी भी सदन में पार्टी के प्रतीकात्मक चिन्ह को लाने कि अनुमति नहीं हे 
लेकिन आप के विधायक पार्टी क़ी टोपी पहन कर आये और इसे सही ठहराने 
के लिए बहस भी की

कानून मंत्री सोमनाथ भारतीय गुंडों कि तरह सड़क पर अभद्रता करते हुए पाये
गए और उसे सही साबित करने के लिए केजरीवाल ने धरा १४४ का उलंघन कर
धरना प्रदशन किया जो कि कानून संवत नहीं था और इसके लिए न्यायालय ने
भी उनसे सवाल पूछे है 

केजरीवाल ने जनपथ को जनता से भर देने और गणतंत्र समारोह केना होने देने
जैसा घृणित बयान भी दिया 

२६ जनवरी गणतंत्र दिवस के समारोह को VVIP. लोगो के लिए ही बता कर 
केजरीवाल ने राष्ट्रीय पर्व का अपमान किया और खुद अतिसुरक्षित घेरे में बैठ
आम आदमी को बेवकूफ बनाया 

मुख्यमंत्री महोदय तिरंगे को सलाम करना तक भूल गए जो कि पुरे देश का 
अपमान है 

राष्ट्रपति के भाषण पर कानून मंत्री ट्विटर पर टिपण्णी करते हुए पाये गए 
जो देश के राष्ट्रपति पद का अपमान है 


ऐसी अनेक बाते यदि हम विस्तृत से जाने तो केजरीवाल और आप पार्टी को 
नक्सलवादी कहने में कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी

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