Wednesday 22 January 2014

धरना खत्‍म होने के कारण जो नहीं बता रहे केजरीवाल


नई दिल्ली. अरविंद केजरीवाल और उनके मंत्रियों और समर्थकों का दो दिनों का धरना मंगलवार (21-01-2014) शाम को खत्म हो गया। लेकिन केजरीवाल ने धरना अपनी मांग पूरी हुए बिना ही खत्म कर दिया। केजरीवाल के धरना खत्म होने की असली वजह कुछ और मानी जा रही है। इस धरने को लेकर खुद को अराजक कहने वाले केजरीवाल, उनकी सरकार और पार्टी की जमकर आलोचना हो रही है। केजरीवाल ने सबसे पहले दिल्ली के कुछ पुलिसवालों  को सस्पेंड करनी की मांग की थी। लेकिन बाद में उन्होंने इसमें ढील देते हुए कहा कि इन पुलिसवालों का तबादला कर दिया जाए। लेकिन केंद्र सरकार ने इनमें से कोई भी मांग नहीं मानी। मंगलवार को दिल्ली के मालवीय नगर थाने के एसएचओ और पहाड़गंज पीसीआर वैन के इंचार्ज को छुट्टी पर भेजते हीअरविंद केजरीवाल ने धरना खत्म कर दिया। केजरीवाल ने धरना खत्म होने पर कहा, 'लेफ्टिनेंट गवर्नर साहब ने हमारी मांगें आंशिक रूप से मान ली हैं। यह दिल्ली की जनता की बहुत बड़ी जीत है। दिल्ली के लिए पूर्ण राज्य का दर्जा हासिल करने की दिशा में यह पहला कदम है। महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सरकार वचनबद्ध है।
                           

सुरक्षा तंत्र ने कर ली थी धरना खत्म करने की तैयारी

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल देश की राजधानी में मौजूद राजपथ के नजदीक शास्त्री पार्क में मंगलवार शाम पौने आठ बजे तक धरने पर बैठे हुए थे। 26 जनवरी को राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड के मद्देनजर केजरीवाल का धरना सरकार के लिए बड़ी परेशानी बनता जा रहा था। यही वजह है कि केंद्र सरकार का शीर्ष नेतृत्व और सुरक्षा से जुड़े आला अफसर आम आदमी पार्टी समर्थकों के खिलाफ मंगलवार को निर्णायक कार्रवाई करने की योजना को अंतिम रूप देने लगे थे। बताया जाता है कि अगर मंगलवार को केजरीवाल का धरना खत्म नहीं होता तो रात में ही सुरक्षा बल धरना दे रहे लोगों पर धावा बोल देते। यह कार्रवाई कुछ वैसी ही हो सकती थी, जैसी कार्रवाई 4-5 जून की रात को दिल्ली के रामलीला मैदान में बाबा रामदेव और उनके समर्थकों के खिलाफ की गई थी। केजरीवाल का धरना खत्म होने की एक बड़ी वजह सुरक्षा बलों की तकरीबन निश्चित कार्रवाई भी थी।  

आर्मी चीफ ने झाड़ा पल्ला!
                                                       
खबर है कि आर्मी चीफ जनरल बिक्रम सिंह ने मंगलवार को देश के वरिष्ठतम अफसर माने जाने वाले केंद्रीय कैबिनेट सचिव अजीत सेठ से तुरंत कदम उठाकर पूरे इलाके को खाली कराने के लिए कहा था। बताया जा रहा है कि जनरल ने कहा था कि रविवार को रिपब्लिक डे परेड पर राजपथ पर दिखाए जाने वाले सेना के 8 हजार करोड़ के हथियार और उपकरणों को क्षति पहुंचती है तो उसकी जिम्मेदारी सेना नहीं लेगी। सेना के इस रुख से केंद्र सरकार पर धरना खत्म करवाने के लिए जबर्दस्त दबाव बना। 

-26 जनवरी की परेड से पहले सेना 23 जनवरी को फुल ड्रेस रिहर्सल करने की तैयारी में है। इसमें कई किलोमीटर लंबे रूट पर सेना पूरे साज-ओ-सामान के साथ रिहर्सल करती है। परेड गुरुवार सुबह 9.50 पर शुरू होगी और दोपहर 12.30 बजे खत्म होगी। आप के समर्थकों के राजपथ के नजदीक डटे होने की वजह से सरकार की चिंता बढ़ गई थी। 

-आम आदमी पार्टी के समर्थक मंगलवार शाम तक सेना की फुल ड्रेस रिहर्सल के रास्ते के बिल्कुल नजदीक इकट्ठा थे। सेना के रिहर्सल के लिए पूरे रास्ते को खाली कराना जरूरी था। इसका मतलब हुआ कि सरकार के पास आप के समर्थकों को राजपथ और उसके आसपास के इलाकों से हटाने के लिए मंगलवार शाम 5 बजे के बाद महज 16-17 घंटे का ही वक्त था।   

-फुल ड्रेस रिहर्सल का वक्त करीब आने की वजह से इस वजह से सेना और उसकी वजह से केंद्रीय गृह मंत्रालय पर दबाव बढ़ता जा रहा था। 


 जनता नहीं पहुंची
                          
अरविंद केजरीवाल और उनके 7 मंत्री सोमवार सुबह से नई दिल्ली के रेल भवन के नजदीक शास्त्री पार्क में धरने पर बैठे थे। लेकिन धरने की शुरुआत से ही आलोचना और धरने के उद्देश्य को लेकर साफगोई नहीं होने के चलते बहुत बड़ी तादाद में लोग धरने में शामिल नहीं हुए। अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को लोगों से कहा था कि वे छुट्टियां लेकर धरने में शामिल हों और वे खुद 10 दिनों की तैयारी कर धरना देने आए हैं। लेकिन केजरीवाल की अपील के बावजूद उतनी बड़ी संख्या में लोग धरने में शामिल नहीं हुए। केजरीवाल के धरना खत्म होने के पीछे यह भी एक बड़ी वजह मानी जा रही है।

खराब मौसम 

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सोमवार को दिन में करीब 12 बजे धरने पर बैठे थे। लेकिन राजधानी में पड़ रही कड़ाके की सर्दी और मंगलवार सुबह हुई बारिश ने केजरीवाल के ज्यादा भीड़ जुटाने के मंसूबे पर पानी फेर दिया। धरने पर मौजूद आम आदमी पार्टी के समर्थकों को बारिश में भीगते, रात में ठंड में ठिठुरते हुए देखा गया। चूंकि, इस धरने को मीडिया ने अच्छी खासी कवरेज दी, इसलिए दर्शकों ने घर बैठे ही खराब मौसम और पुलिस बंदोबस्त के चलते हो रही दिक्कतों को समझ लिया। केजरीवाल के धरना जल्द खत्म होने की एक बड़ी वजह मौसम का सितम भी है। 




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