Friday 17 January 2014

"काश भगवा आतँकवाद होता"



आदरनीय ग्रह मंत्री शिंदे जी,
एवम समस्त
एक तरफ़ा सेकुलर गण,

एक छोटी सी कविता है आपके लिये

"काश भगवा आतँकवाद होता"

ना केरल मे हिन्दू कटे होते
ना गोधरा मे हिन्दू जले होते
ना कश्मीर मे हिन्दू बर्बाद होता
काश भगवा आतँकवाद होता

ना आसाम मेँ बहनो का बलात्कार होता
ना बंगाल मे हिन्दूओ का नरसंहार होता
ना भारत मे इस्लामिक जेहाद होता
काश भगवा आतँकवाद होता

ना तेजोमहल ताजमहल बनता
ना वेधशाला कुतुबमिनार बनता
ना राम मंदिर पर कोई विवाद होता
काश भगवा आतँकवाद होता

ना भय मे महाकुँभ होता
ना आतँक मे चार धाम होता
ना डर कर अमरनाथ होता
काश भगवा आतँकवाद होता

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