Friday 14 February 2014

8 फर्क, जो केंद्र के लोकपाल और दिल्ली के लोकपाल को अलग करते हैं


 केंद्र सरकार की ओर से कानून का रूप दिए गए लोकपाल एवं लोकायुक्त एक्ट 2013 और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की कैबिनेट से मंजूर दिल्ली लोकपाल बिल 2014 में कई अहम मुद्दों को लेकर फर्क है। 
 
कुछ अहम बिंदुओं पर दोनों में फर्क इस तरह से है:
 
 
कितने होंगे लोकपाल के सदस्य? 
 
दिल्ली लोकपाल बिल 2014 
 
लोकपाल में 1 अध्यक्ष के अलावा कम से कम 6 या अधिक से अधिक 10 सदस्य हो सकते हैं यानी लोकपाल में कम से कम 7 या ज्यादा से ज्यादा 11 सदस्यों का प्रावधान है।  
 
लोकपाल एवं लोकायुक्त एक्ट 2013
 
इस कानून के तहत लोकपाल में एक अध्यक्ष के अलावा चार सदस्य होंगे। यानी लोकपाल में 5 सदस्य होंगे।  
 
 
कितने समय में पूरी होगी जांच 
 
दिल्ली लोकपाल बिल 2014 
 
इसके तहत जांच छह महीने में पूरी की जाएगी। जिस अधिकारी या कर्मचारी पर है आरोप है, जांच का आदेश दिए जाने से पहले उसका पक्ष जानने जैसी कोई शर्त नहीं।
 
लोकपाल एवं लोकायुक्त एक्ट 2013
 
इस कानून के तहत पहले 60 दिनों में पूछताछ और पहले 6 महीनों में जांच पूरी किए जाने का प्रावधान है। इस कानून के तहत जिस अफसर या कर्मचारी पर आरोप है, उसके खिलाफ जांच का आदेश देने से पहले लोकपाल उसका पक्ष सुनेगा।  
 
 
कैसे चलेगा मुकदमा?
 
दिल्ली लोकपाल बिल 2014 
 
इसके तहत छह महीने की समय सीमा के भीतर मुकदमे की सुनवाई पूरी किए जाने का प्रावधान है। 
 
लोकपाल एवं लोकायुक्त एक्ट 2013
 
इस कानून के तहत दो साल की समय सीमा में मुकदमे की सुनवाई खत्म किए जाने का प्रावधान है। 
 
 
कितनी होगी सज़ा?
 
दिल्ली लोकपाल बिल 2014 
 
लोकपाल की जांच में दोषी पाए जाने पर कम से कम 6 महीने और ज्यादा से ज्यादा उम्रकैद तक की सज़ा का प्रावधान है। 
 
 
लोकपाल एवं लोकायुक्त एक्ट 2013
 
सरकारी कर्मचारी और अधिकारी को दोषी पाए जाने पर 7 साल की सज़ा का प्रावधान। आपराधिक कृत्य के दोषी और आदतन भ्रष्टाचार करने वाले अफसरों और कर्मचारियों के लिए 10 साल तक की सज़ा का प्रावधान। 
 
अगर शिकायत गलत पाई गई तो?  
 
दिल्ली लोकपाल बिल 2014 
 
संबंधित मामला जिस हाईकोर्ट के विधिक्षेत्र में आता है, वह गलत शिकायत करने वाले पर 5 लाख रुपए का जुर्माना या एक साल की कैद की सज़ा या दोनों का आदेश दे सकता है। 
 
लोकपाल एवं लोकायुक्त एक्ट 2013
 
फर्जी या गलत शिकायत करने पर 1 साल की कैद की सज़ा के साथ ही 1 लाख रुपए का जुर्माने का प्रावधान।
 
 
शिकायत का निपटारा या जिम्मेदारी न निभाने पर क्या होगा? 
 
 
दिल्ली लोकपाल बिल 2014 
 
शिकायत का निपटारा न करने वाले अधिकारी पर प्रतिदिन 500 रुपए का जुर्माना लगाए जाने का प्रावधान। लेकिन जुर्माने की कुल राशि 50 हजार रुपए से ज्यादा नहीं हो सकती है।  
 
लोकपाल एवं लोकायुक्त एक्ट 2013 
 
इसके तहत उस अधिकारी पर किसी तरह के जुर्माने का प्रावधान नहीं है, जो तय समय सीमा में शिकायत का निपटारा न करे या अपनी जिम्मेदारी न निभाए।
 
 
व्हिसल ब्लोअर की सुरक्षा पर खतरा होने की स्थिति में क्या होगा?
 
दिल्ली लोकपाल बिल 2014 
 
अगर भ्रष्टाचार की पोल खोलने वाले 'व्हिसल ब्लोअर' को खतरे की बात सामने आती है तो जांच 3 महीने में पूरी किए जाने का प्रावधान है। 
 
लोकपाल एवं लोकायुक्त एक्ट 2013 
 
व्हिसल ब्लोअर प्रोटेक्शन या सिटिजन चार्टर के बारे में कोई जिक्र नहीं। 
 
 
 
क्या वसूला जाएगा जुर्माना? 
 
दिल्ली लोकपाल बिल 2014 
भ्रष्टाचार की वजह से हुए नुकसान का पांच गुना दोषी पाए गए अफसर या कर्मचारी या अन्य किसी व्यक्ति या संस्था से वसूलने का प्रावधान है। 
 
 
लोकपाल एवं लोकायुक्त एक्ट 2013 
इसे लेकर केंद्र सरकार के कानून में कोई प्रावधान नहीं।

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