Sunday 16 February 2014

भारत के विकास की सबसे बड़ी दुश्मन मेधा पाटकर





भारत के विकास की सबसे बड़ी दुश्मन मेधा पाटकर
को अपने साथ लेकर केजरीवाल ने आत्मघाती कदम
उठाया है ....

गुजरात में अब शायद ही कोई आम आदमी पार्टी के
साथ खड़ा होगा क्योकि इस महिला मेधा ने गुजरात
का जितना नुकसान किया है उतना नुकसान किसी ने
नही किया होगा और नही कोई भविष्य में करेगा |

मित्रो, सूती साड़ी पहनने वाली इस
महिला की सादगी से धोखा मत खाइए ... ये
महिला अरबपति है और एक बेहद आभिजात्य
लाइफस्टाइल जीने की आदि है .... मुंबई में बेहद पॉश
इलाके में इसके दो बंगले है ..
साथ ही ये देश विदेश में बिजनस क्लास में सफर
करती दिख जाएगी ...

अब आप सोचेंगे की इसकी आय का स्त्रोत
क्या है ??? असल में भारत विरोधी देशो जैसे
सऊदी अरब, पाकिस्तान, यमन, चीन, बांग्लादेश
आदि देशो से इसे करोड़ो रूपये डोनेशन मिलते है |
ये नर्मदा परियोजना का ये कहकर विरोध
करती थी की इससे करोड़ो लोग बेघर हो जायेंगे ??
आज ये परियोजना पूर्णता के करीब है तो कौन बेघर
हुआ ???

1995 में जब सरदार सरोवर परियोजना चल
रही थी तब बहुत से भारत विरोधी और गुजरात
विरोधी तत्व इस दहशत में आ गये की इससे
तो गुजरात का बड़ा विकास होगा ...

महाराष्ट्र,एमपी को बिजली मिलेगी और गुजरात तथा 
राजस्थान को पानी मिलेगा | कच्छ और थार
की प्यासी धरती को जब
नर्मदा मैया का पानी मिलेगा तब ये बंजर
धरती लहलहा उठेगी ... 

इससे भारत विरोधी तत्वों के
पेट में मरोड़ उठाना स्वाभाविक था |

फिर भारत विरोधी तत्वों में मेघा पाटकर
को सुपारी देकर इस परियोजना के विरोध के लिए
खड़ा किया ... इसने अनशन किया

ये चार बार
घोषणा कर चुकी है की फलाना तारीख को ये नर्मदा में
कूदकर जल समाधि ले लेगी .. लेकिन कभी ये अपने
घोषणा के अनुसार जल समाधी लेने नर्मदा के तट पर
नही आती ... वरना पब्लिक ही इसे उठाकर नर्मदा में
फेक देती |

इसकी वजह से पुरे पांच सालो तक
नर्मदा परियोजना एकदम ठप रही .. क्योकि इसने
सुप्रीमकोर्ट में कई केस दायर किये थे ... और मजे
की बात ये की इसकी हर एक दावे झूठे और खोखले
साबित हुए

मित्रो, 1988 में योजना आयोग ने
नर्मदा परियोजना पर कूल Rs. 6406.04 crore
खर्च का एस्टीमेट रखा था .. लेकिन मेधा पाटकर
की वजह से ये परियोजना पांच साल बीच में
ही रोकनी पड़ी जिससे 2008 तक आते आते इस
परियोजना पर Rs. 39240.45 करोड़ रूपये खर्च
हो गये ..

यानी की सिर्फ मेघा पाटकर की वजह से भारत
को जो आर्थिक नुकसान हुआ है वो उतना नुकसान
भारत को पाकिस्तान से तीन तीन लड़ाई और चीन से
एक लड़ाई में भी नही हुआ |

मजे की बात देखिये .. ये मेधा पाटकर इस
परियोजना को आदिवासीयो के लिए
खतरा बता रही थी जबकि आज गुजरात, महाराष्ट्र
और राजस्थान के गुजरात से लगे जिले में
आदिवासी लोगो के लिए नर्मदा परियोजना एक वरदान
बनकर आई है

दाहोद जिले में नर्मदा के केनाल से
आदिवासी बन्धु फलो और सब्जियों की खूब खेती कर
रहे है | चूँकि नर्मदा नदी में साल के बारहों महीने
अथाह पानी का प्रवाह रहता है इसलिए इस
परियोजना से बिजली का उत्पादन भी खूब होता है ...
चार राज्यों में इसकी बिजली सप्लाई होती है ...

आज गुजरात में कच्छ और सौराष्ट्र, उत्तर गुजरात
और मध्य गुजरात ..यानी गुजरात के कोने कोने में
नर्मदा कैनाल का नेटवर्क बन चूका है .. साथ ही कई
शहरों में नर्मदा का पानी पाइपलाइन से पीने के लिए
सप्लाई होने लगा है |

मित्रो, केजरीवाल को वोट देने के पहले ये जरुर
सोचना की क्या देश के विकास के दुश्मनों को वोट
देकर हम देश के साथ कही गद्दारी तो नही कर रहे
है ???

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