Thursday 20 February 2014

मुस्लिमों का हम हिंदुओं के प्रति क्या नजरिया है ?




वोट बैक और सत्ता की लालच में मुस्लिमों की दाढ़ी में मक्खन लगाने से पहले ए देख ले ...की मुस्लिम का हम गैर मुस्लिमों के प्रति क्या नजरिया है 

दुर्भाग्य से आजकल चुनाव का मौसम आते ही..... सभी राजनीतिक पार्टियों में मुस्लिमों को रिझाने की एवं उनकी दाढ़ी को सहलाने की होड़ सी लग गयी है.... मानो कि.... ये मुस्लिम ना हुए... साले, इस देश के भाग्य विधाता हो गए हों.....!

लेकिन.... ऐसा करते समय पार्टियां ये भूल जाती हैं कि.... गांधी जी ने पूरी जिंदगी ही मुस्लिम तुष्टिकरण में लगा दी थी और इसके लिए उन्हें अपने हिन्दू धर्म से भी गद्दारी करने में तनिक भी गुरेज नहीं हुआ था.....
फिर भी , अंततोगत्वा ........ मुस्लिम उनके नहीं हुए ... और, मुस्लिमों को खुश एवं संतुष्ट करने के चक्कर में गांधी जी.... हिंदुओं में भी अपना सम्मान खो बैठे.... और, मुस्लिम की नजर में तो वे काफिर थे ही....!!

दरअसल.... मुस्लिम एक ऐसी प्रजाति है .... जो सिर्फ अपने इस्लाम और मुहम्मद को जानती है.... तथा, अपने शरीयत को ही कानून मानती है....!

इसीलिए... आजतक.... आप में से किसी ने भी.... किसी मुस्लिम संगठन को...... विकास, देश में व्याप्त भ्रष्टाचार अथवा किसी और सामाजिक कारण से ...... प्रदर्शन करते नहीं देखा होगा.... क्योंकि, मुस्लिमों को सिर्फ अपने इस्लाम, कुरान , मदरसे और मस्जिदों से ही मतलब रहता है....!

बाकी... देश और देशभक्ति अथवा विकास की बातें उनके पल्ले पड़ती ही नही है..... क्योंकि... अगर उनके पल्ले अच्छी चीजें पड़ने लगे तो.... फिर वे मुस्लिम ही क्यों कहलायेंगे...??????

और..... ये मुस्लिम तुष्टिकरण.... मदरसा , हज ....... इत्यादि का नाटक इस देश में इसीलिए फैला हुआ है क्योंकि... मुस्लिम मच्छर-मक्खियों की तरह अपनी आबादी बढ़ाते हुए.... आज वोट को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं....!

लेकिन... मेरे ख्याल में .... इस देश की राजनीतिक पार्टियों को ... मुस्लिमों को खुश रखने की जगह ..... उनके मताधिकार को समाप्त करने पर विचार करना चाहिए.... ताकि, इस देश में फैले आतंकवाद और मुस्लिम तुष्टिकरण के रोग को पूरी तरह ख़त्म किया जा सके......
जिस तरह एक इस्लामी मुल्क होते हुए पाकिस्तान ने .... और, एक सेक्युलर देश होते हुए भी.... फ़्रांस और आस्ट्रेलिया ने अपने यहाँ कर रखा है...!

अब रह गयी बात भाजपा द्वारा मुस्लिम तुष्टिकरण के बात की..... तो, इसे भाजपा का मानसिक दिवालियापन ही कहा जा सकता है..... क्योंकि.... ये बात तो देश का बच्चा -बच्चा जानता है कि...... भाजपा चाहे """सौ बार गंगा नहा कर""" भी आ जाये ......... फिर भी ये कठमुल्ले और "मुस्लिम उन्हें वोट नहीं देने वाले" हैं.....!!

इसीलिए मेरा स्पष्ट मानना है कि ... भाजपा के लिए उचित यही होगा कि .... वो मुस्लिमों के वोट का लोभ त्याग कर सिर्फ हिंदुओं के वोट पर ही अपना ध्यान केंद्रित करे....!

नहीं तो .... हमारे यहाँ एक बहुत ही पुरानी कहावत है कि.....

दुविधा में दोनों गए............ ना माया मिली ... ना राम ....!!

जय महाकाल...!!!


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