Sunday 2 February 2014

बच्चों के लिए क्यों जरूरी है सेक्स एजुकेशन


कैसे करें बातचीत


बच्चों के लिए क्यों जरूरी है सेक्स एजुकेशन

हर मां-बाप की सबसे बड़ी परेशानी होती है बच्चों से सेक्स के बारे में बात करने में। माता-पिता के लिए बढ़ते बच्चों से सेक्स के बारे में बात करना अपने आपमें चुनातिपूर्ण होता है। अगर आप भी ऐसे पेरेंट्स हैं जो अपने बच्चों से सेक्स के बारे में बात तो करना चाहते हैं लेकिन घबराते हैं कि बच्चों से इस बारे में कैसे बताएं।

दरअसल, बढ़ती टैक्नोलॉजी के कारण आजकल बच्चों को इंटरनेट और दोस्तों के जरिए सेक्स के बारे में जानकारी मिलती है जो कि आधी-अधूरी होती है। सिर्फ बच्चों की सेक्स में जानकारी बढ़ाने के लिए ही नहीं बल्कि बच्चों की जिज्ञासाओं को शांत करने और उनके बॉडी पार्ट्स के बारे में भी उन्हें बताने की बहुत जरूरत होती है।
हेल्‍थ इंडिया में प्रकाशित एक रिपोर्ट में डॉक्टर विजयासारथी, रशेल और डॉक्टर पॉल बता रहे हैं कि बच्चों के लिए सेक्स एजुकेशन कितनी जरूरी है और पेरेंट्स को बच्चों से सेक्स के बारे में कैसे बता करनी चाहिए।


कब करें सेक्स के बारे में बात

अक्सर माता-पिता को समझ में नहीं आता कि वे बच्चे की किस उम्र में उससे सेक्स के बारे में बात करना शुरू करें। बहुत से पेरेंट्स की ये बहुत बड़ी समस्या होती है।

इस बारे में डॉक्टर रमननाथ का कहना है कि सेक्स एजुकेशन का मतलब सिर्फ इंटरकोर्स ही नहीं है। दरअसल, 3 से 4 साल की उम्र में बच्चे अपने प्राइवेट पार्ट्स के बारे में सवाल पूछना शुरू कर देते हैं। ऐसे में जरूरी हो जाता है कि माता-पिता बच्चे के सवालों का अपनी क्षमता के अनुसार सही-सही जवाब दें ताकि बच्चे के मन में कोई शंका ना रहे।

संभ्‍ाव है कि 4 साल की उम्र में लड़के अपने जनांगों जैसे पेनिस के बारे में सवाल करें कि लड़कियों को ऐसा क्यों नहीं है। ध्यान रहें बच्चे का ये पहला सवाल हो सकता है बच्चे अलग-अलग बॉडी पार्ट्स के बारे में कुछ भी पूछ सकते हैं।

कई लोग ये मानते हैं कि 4 साल की उम्र में बच्चे से उसके जनांगों के बारे में बात करना बहुत जल्दबाजी है। कई लोग तो बच्चे को सिर्फ इसीलिए सजा देते हैं क्योंकि बॉडी पार्ट्स को लेकर उनकी खूब जिज्ञासाएं होती हैं जिनका जवाब उन्हे सिर्फ उनके माता-पिता ही दे सकते हैं।


कब करें सेक्स के बारे में बात

कैसे करें बातचीत

बढ़ते बच्चों के माता-पिता को पूरी तरह से बच्चे के सवालों का जवाब देने के लिए तैयार रहना चाहिए ना कि बच्चे को सजा देनी चाहिए। हो सकता है बच्चे के जवाब देने में आप उस समय असमर्थ हो लेकिन आपको बच्चे को स्मार्ट तरीके से हैंडल करना चाहिए और बच्चे के साथ फ्रेंडली अप्रोच रखनी चाहिए।

डॉक्टर पॉल के मुताबिक, माता-पिता को 'बच्चों को सेक्स एजुकेशन कैसे दें' इससे संबंधित किताबें पढ़नी चाहिए ताकि वे समझ पाएं कि बच्चों को कैसे हैंडल करें। कई बार बच्चे इस तरह के सवाल करते हैं कि 'बेबी कहां से पैदा होते हैं?' इस तरह के सवालों के जवाब जरूरी नहीं कि आप अगर 10 से 15 साल की उम्र के बच्चे को बता रहे हैं तो 5 साल के बच्चे को भी वहीं जवाब देंगे।

हर बच्चे के मानसिक विकास के हिसाब से और उम्र के हिसाब से अलग-अलग जवाब होते हैं। आपको दोनों उम्र के बच्चों के लिए अलग-अलग तरीके से जवाब देना होगा।


इन टिप्स का रखें खासतौर पर ख्याल

इन टिप्स का रखें खासतौर पर ख्याल

बच्चों से सेक्स के बारे में बात करने से पहले बच्चों से शुरूआत में उनके बॉडी पार्ट्स के बारे में बातचीत करनी चाहिए। बच्चे से मेल-फीमेल के बॉडी पार्ट्स के बारे में अलग-अलग बात करनी चाहिए।

इसके कुछ समय बाद बच्चे से उनके ऑर्गन के बारे में यही मायने में बात करें। यदि लड़का है तो पेनिस के बारे में बात करें और लड़की है तो वैजाइना के बारे में बात करें।

इसके बाद बच्चे को प्राइवेट पार्ट के टचिंग के बारे में बताएं। जैसे किसी दूसरे व्यक्ति के सामने ना नहाएं। किसी दूसरे को अपने प्राइवेट पार्ट को छुने ना दें।

सबसे जरूरी बात बच्चों को खुद को कैसे सुरक्षित रखें और दूसरों से बचाएं इस बारे में जरूर बात करें। साथ ही उन्हें ये भी बताएं कि अगर कोई जबरन या फिर उन्हें बहला-फुसला कर उन्हें प्राइवेट पार्ट को छूता है तो इस बारे में तुरंत आकर उन्हें (माता-पिता को) बताएं।



जवां होते बच्चे

जवां होते बच्चे

बढ़ती उम्र में हार्मोन बदलने के कारण बच्चों के शरीर में बहुत बदलाव होते हैं जिससे बच्चों के मन में बहुत से सवाल उठते हैं। ऐसे में आपको बच्चों की सभी समस्याओं का समाधान करना बहुत जरूरी है। आपको चाहिए कि बच्चों को शरीर में होने वाले बदलावों के बारे में पहले से ही बताएं।

दरअसल, शरीर में होने वाले बदलावों से ना सिर्फ बच्चे का आत्मविश्वास कमजोर हो जाता है बल्कि बच्चे बहुत चिड़चिड़े भी हो जाते हैं ऐसे में माता-पिता को बच्चों को कंफर्ट लेवल पर लेकर जाना चाहिए और उनसे दोस्ताना व्यवहार करना चाहिए। साथ ही माता-पिता को बच्चों से अपना खुद का अनुभव बांटना चाहिए जिससे बच्चे ज्यादा सहज हो जाएं।

डॉक्टर रशेल के मुताबिक, इंटरनेट पर सेक्स के बारे में बहुत सी ऐसी जानकारियां भी रहती हैं जो कि रियलिस्ट‌िक नहीं होती। जिससे बच्चे को सेक्स के बारे में बहुत सी चीजें समझ नहीं आती।

पेरेंट्स जब बच्चों से सेक्स के बारे में बात करते हैं तो वो सिर्फ सेक्स के बारे में नहीं होती बल्कि बच्चा इससे मूल्यों और नैतिकता के बारे में भी जानकारी पाता है। इसलिए पेरेंट्स को समय-समय पर बच्चों से सेक्स के बारे में बातचीत करनी चा‌‌हिए।


माता-पिता करें अपने पर काम


माता-पिता करें अपने पर काम

यदि वाकई आप अपने बच्चे को सेक्स एजुकेशन देने की सोच रहे हैं तो सबसे पहले आपको अपने दिमाग में सेक्स को पहले आपको अपनी शंकाएं दूर करनी होगी। पहले आपको खुद सेक्स के बारे में बात करने में सहज होना होगा। यदि आप सेक्स के बारे में खुलकर बात कर पाते हैं तभी आप अपने बच्चे को सेक्स की सही शिक्षा दे पाएंगे।

अक्सर सेक्स के बारे में बात करने के बजाय लोग इसे डर्टी टॉक का नाम देते हैं और सेक्स के बारे में बात करने का अश्लील मानते हैं ऐसे में आपको अपने विचारों में बदलाव लाना जरूरी होगा।

कई रिसर्च में भी ये बात साबित हो
चुकी है कि बच्चे को जितनी सेक्‍स की जानकारी दी जाए बच्चे उतने ही जिम्मेदार बनते हैं और सुरक्षित रहते हैं। अब आपको झिझक और शर्म छोड़कर अपने बच्चे को सेक्स के बारे में बात करनी चाहिए। जिससे बच्चा सेक्स से संबंधित अपने सही निर्णय ले सकें।

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