Saturday 18 October 2014

धनतेरस पर क्या और कब खरीदें ?

स्टील से ज्यादा तांबे-कांसे की मांग

धनतेरस की खरीदारी के लिए बाजार सज चुका है। इस दिन सोना-चांदी के अलावा बर्तनों के खरीदने की परंपरा है इसलिए ज्यादा रौनक इन्हीं दुकानों पर रहती है।

कंपनियों ने इस बार बाजार में कई ऐसी चीजें बाजार में उतारी हैं जो आपके किचेन के लिए बहुत उपयोगी साबित हो सकती हैं। धनतेरस पर होने वाली पारंपरिक खरीदारी से हटकर लोग फैंसी आइटम्स को तवज्जो दे रहे हैं।

राजधानी दून में पलटन बाजार के बर्तन विक्रेता नीरज जैन ने बताया कि अब लोग स्टील से ज्यादा तांबे-कांसे को पसंद करते हैं। इसके अलावा कलरफुल कड़ाही, कुकर पसंद किए जा रहे हैं।

सुशील स्टोर पर काम करने वाली प्रीति खंडूजा ने बताया कि लोग धनतेरस के लिए माइक्रोवेव सेव कंटेनर को पसंद कर रहे हैं। बर्तन व्यापारी राजीव गोयल ने बताया कि बृहस्पतिवार को अष्टमी पर शुभ मुहूर्त होने की वजह से ग्राहकों की संख्या अच्छी रही।


खरीदारी का विशेष मुहूर्त

खरीदारी का विशेष मुहूर्त

धन-तेरस 21 अक्तूबर यानी मंगलवार को है। इस दिन प्रात: काल की चौघड़िया सुबह 9 बजकर 14 मिनट से 10 बजकर 36 मिनट तक है। लाभ की चौघड़िया सुबह 10.37 से 12 बजे दोपहर तक है। अमृत की चौघड़िया मध्याह्न 12.01 से 1.43 मिनट अपराह्न तक, इसके पश्चात 2.47 बजे से 4.10 बजे शाम तक की चौघड़िया में खरीदारी करना शुभ रहेगा। पंडित ज्ञानेंद्र पांडे ने बताया कि यदि कोई इस बीच खरीदारी नहीं कर पाया तो वह शाम 7 बजकर 05 मिनट से रात्रि 8 बजकर 35 मिनट तक भी खरीदारी कर सकते हैं।

क्यों है सोना खरीदने का महत्व


श्रीमद्भागवत में समुद्र मंथन से प्राप्त चौदह रत्नों का विवरण मिलता है। धन त्रयोदशी के दिन वैद्य धनवंतरि समुद्र से अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। मंथन के दौरान ही लक्ष्मी जी निकली थीं। उत्तराखंड विद्वत सभा के उपाध्यक्ष आचार्य भरत राम तिवारी ने बताया कि लक्ष्मी जी की उत्पत्ति की वजह से ही इस दिन सोना खरीदा जाना शुभ माना जाता है। डॉ. आचार्य सुशांत राज ने बताया कि सोना महंगा होने से लोग स्टील आदि के बर्तन खरीदने लगे हैं।

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