Thursday, 9 October 2014

करवा चौथ- बढ़ती है पति की उम्र

करवा चौथ पर न भूलें ये 16 चीजें, मान्यता है इनसे बढ़ती है पति की उम्र

11 अक्टूबर को करवा चौथ है। एक बार फिर इस दिन सुहागनें अपने सुहाग की रक्षा के लिए मंगल कामना करेंगी। चौथ के दिन सुहागन स्त्रियों के लिए श्रृंगार का विशेष महत्व माना गया है। हमारे हिंदू धर्म में सुहागन स्त्रियों के लिए 16 चीजें करना जरूरी मानी गई हैं। माना जाता है कि ये 16 चीजें किसी भी स्त्री के सुहाग का प्रतीक होती हैं और जो स्त्री करवा चौथ के दिन ये 16 काम करती हैं, उनके पति की उम्र लंबी होती है और परस्पर प्रेम बढ़ता है।

बिंदी - सुहागिन स्त्रियों को कुमकुम या सिंदूर से अपने माथे पर लाल बिंदी जरूर लगाना चाहिए। इसे परिवार की समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।

कंगन और चूड़ियां- हिन्दू परिवारों में सदियों से यह परंपरा चली रही है कि सास अपनी बडी़ बहू को मुंह दिखाई रस्म में सुखी और सौभाग्यवती बने रहने के आशीर्वाद के साथ वही कंगन देती है, जो पहली बार ससुराल आने पर उसकी सास ने उसे दिए थे। पारंपरिक रूप से ऐसा माना जाता है कि सुहागिन स्त्रियों की कलाइयां चूड़ियों से भरी रहनी चाहिए।

सिंदूर - सिंदूर को सुहाग का प्रतीक माना जाता है।  सात फेरों के बाद जब दूल्हा-दुल्हन की मांग भरता है तो इसका मतलब होता है कि वह उसका साथ जीवन भर निभाएगा। इसलिए विवाह के बाद स्त्री को अपने पति की लंबी उम्र की कामना के साथ रोज मांग भरना चाहिए। 

काजल - काजल आंखों का श्रृंगार है। इससे आंखों की सुंदरता तो बढ़ती ही है। साथ ही,काजल की बुरी नजर से भी बचाता है। इसे भी धर्म ग्रंथों में सौभाग्य का प्रतीक माना गया है।


मेहंदीमेहंदी के बिना सिंगार अधूरा माना जाता है। इसलिए त्योहार पर परिवार की सुहागिन स्त्रियां अपने हाथों और पैरों में मेहंदी रचाती है। इसे सौभाग्य का शुभ प्रतीक तो माना ही जाता है। साथ ही, मेहंदी लगाना त्वचा के लिए भी अच्छा होता है।


लाल कपड़े- शादी के समय दुल्हन को सुसज्जित शादी का लाल जोड़ा पहनाना शुभ माना जाता है। शादी के बाद भी कोई त्योहार हो या कोई भी शुभ काम हो और घर की स्त्रियां लाल रंग के कपड़े पहने तो बहुत शुभ माना जाता है।

गजरा- 

करवा चौथ पर न भूलें ये 16 चीजें, मान्यता है इनसे बढ़ती है पति की उम्र

यदि कोई सुहागन स्त्री रोज सुबह नहाकर सुगंधित फूलों का गजरा लगाकर भगवान की पूजा करती है तो बहुत शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि ऐसा करने से घर में स्थिर लक्ष्मी का निवास होता है।

मांग टीका- मांग के बीचों बीच पहना जाने वाला यह स्वर्ण आभूषण सिंदूर के साथ मिलकर स्त्री की सुंदरता में चार चांद लगा देता है। इसे भी सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है।

नथ या कांटा- शादी के बाद यदि कोई स्त्री नाक में नथ या कांटा नहीं पहनती तो उसे अच्छा नहीं माना जाता है, क्योंकि इसे भी सौभाग्य से जोड़ कर देखा जाता है।

कान के गहने - 

करवा चौथ पर न भूलें ये 16 चीजें, मान्यता है इनसे बढ़ती है पति की उम्र

कान में पहने जाने वाले आभूषण कई तरह की सुंदर आकृतियों में आते हैं। विवाहित स्त्री के लिए इसे शुभता का प्रतीक माना जाता है। साथ ही, कान छेदन से कई बीमारियां भी दूर रहती हैं।


हारगले में पहना जाने वाला सोने या मोतियों का हार पति के प्रति सुहागन स्त्री के वचनबद्धता का प्रतीक माना जाता है। शादी के समय वधू के गले में वर गलसूत्र (काले रंग की बारीक मोतियों का हार जो सोने की चेन में गुंथा होता है) पहनाने की रस्म निभाता है। इसी से उसके विवाहित होने का संकेत मिलता है। इसलिए गले में हार या मंगलसूत्र पहनना शुभ माना जाता है।


बाजूबंद - कड़े के समान आकृति वाला यह आभूषण सोने या चांदी का होता है। यह बांहों में पूरी तरह कसा रहता है, इसी कारण इसे बाजूबंद कहा जाता है। किसी भी त्योहार या धार्मिक आयोजन पर सुहागन स्त्रियों का इसे पहनना शुभ माना जाता है।

अंगूठी - शादी के पहले सगाई की रस्म में वर-वधू एक-दूसरे को अंगूठी पहनाते हैं। यह बहुत प्राचीन परंपरा है। अंगूठी को सदियों से पति-पत्नी के आपसी प्यार और विश्वास का प्रतीक माना जाता रहा है। शादी के बाद भी स्त्री का इसे पहने रहना शुभता का प्रतीक माना जाता है।

बिछुआपैरों के अंगूठे में रिंग की तरह पहने जाने वाले इस आभूषण को अरसी या अंगूठा कहा जाता है। इस आभूषण के अलावा स्त्रियां छोटी उंगली को छोड़कर तीनों उंगलियों में बिछुआ पहनती है। बिछुआ स्त्री के सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है।

पायल- 


करवा चौथ पर न भूलें ये 16 चीजें, मान्यता है इनसे बढ़ती है पति की उम्र

पैरों में पहने जाने वाले इस आभूषण के घुंघरुओं की सुमधुर ध्वनि को बहुत शुभ माना जाता है। हर सौभाग्यवती स्त्री को पैरों में पायल जरूर पहनना चाहिए।




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